द फ़ेमिनिस्ट मैन - एक कामुक लघुकथा
द फ़ेमिनिस्ट मैन - एक कामुक लघुकथा

द फ़ेमिनिस्ट मैन - एक कामुक लघुकथा

1960 के दशक में सपने बहुत बड़े हो गए थे, लेकिन हम इस बात से पूरी तरह सहमत थे कि सब कुछ मुमकिन है। यहां तक कि अपने प्रोफ़ेसर के साथ उनकी डेस्‍क पर सेक्‍स करना भी। हम यहां सेक्‍स कर रहे होंगे और वहां पीछे यूनिवर्सिटी के लोग हॉल से होकर गुज़र रहे होंगे, बिना ये जाने कि अंदर क्‍या हो रहा है।

ये इतने साल पुरानी बात है, लेकिन अभी भी पेरिस की वो फ्रीलांस पत्रकार जब भी कोई आर्टिकल पूरा करती है, तो अपने उस बूढ़े प्रोफ़ेसर के बारे में सोचने से खुद को रोक नहीं पाती। वह उन कभी न भुलाए जा सकने वाले लम्‍हों के बारे में सोचती है, जो उसने उस प्रोफ़ेसर के दफ़्तर में गुज़ारे थे। कैसे वो उसे अपनी डेस्‍क पर लेकर जाते थे और फिर धीरे-धीरे उसके भीतर प्रवेश करते थे। वो इतनी भीग जाती थी, जितनी उसके पहले और बाद फिर कभी नहीं हुई।

यह लघु कथा स्वीडन की फ़िल्म निर्माता एरिका लस्ट के सहयोग में प्रकाशित की गई है। उनकी मंशा जानदार कहानियों और कामुक साहित्य की चाशनी में जोश, अंतरंगता, वासना और प्यार में रची-बसी दास्तानों के ज़रिए इंसानी फ़ितरत और उसकी विविधता को दिखाने की है।

Détails du livre

Commentaires

Il n'y pas encore de commentaire pour ce livre.

Vous aimerez aussi

Livre audio (Fichier MP3)

Livre audio (Fichier MP3)

Livre audio (Fichier MP3)