"वो अपने पैर ज़मीन पर रखता है और इंजन बंद कर के, जब अचानक से वो अपने हेलमेट को उतार कर कंधे तक आनेवाले अपने सुनहरे बालों को झटकता है, तो ऐसा लगता है मानो किसी ने मुझे अपने वश में कर लिया हो। मेरी रीढ़ की हड्डी काँप जाती है। मेरी नज़रें ऊपर देखने को इतनी उत्तेजित रहती हैं कि इन्हें क़ाबू करना मुश्किल होता है और मैं बेझिझक ऊपर देख लेती हूँ। जब मेरी नज़रें उसकी नज़रों से टकराती हैं, तो बदन में मानो बिजली कौंध जाती है। मैं तबतक सांस लेना पूरी तरह से भूल जाती हूँ, जबतक कि मेरे फेफड़े विरोध न करने लगें कि अब उन्हें हवा चाहिए।"
यह कहानी स्वीडिश फ़िल्म निर्माता एरिका लस्ट के सहयोग से प्रकाशित हुई है। उनका इरादा जानदार कहानियों और कामुक साहित्य की चाशनी में जोश, अंतरंगता, वासना और प्यार में रची-बसी दास्तानों के ज़रिए इंसानी फ़ितरत और उसकी विविधता को दिखाने का है।Book details
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Publisher
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Language
Hindi -
Publication date
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Page count
20 -
Translator
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